रविवार, 19 मार्च 2023

Keyboard क्या है? (What is Keyboard in Hindi)

 Keyboard क्या है? इसकी परिभाषा, परिचय, प्रकार, बनावट और कार्य

Computer को उपयोग करने के लिए Keyboard एक जरूरी हिस्सा होता है। तो यदि Keyboard की जानकारी आपको नहीं है। तो चलिए पहले जानते हैं कि Computer Keyboard क्या है?


Keyboard क्या है? (What is Keyboard in Hindi)

Keyboard Computer का एक प्रमुख इनपुट डिवाइस होता है। इसका उपयोग Computer को निर्देश (Instructions) देने के लिए किया जाता है। आमतौर पर Keyboard पर उपस्थित अक्षर, नंबर और चिन्ह इत्यादि के कुंजी (Key) द्वारा निर्देश दिया जाता है। यह Computer के हार्डवेयर भाग के अंतर्गत आता है। जिसका आकार आयताकार होता है। जिसे हम बहुत आसानी से देख और छू सकते हैं।


Keyboard पर बहुत सारी कुंजीयाँ (Keys) होती है। जिनकी मदद से Computer को निर्देश दिया जाता है। जिसमें से कुछ कुंजी (Key) अक्षर के लिए तथा कुछ नंबर और चिन्ह के लिए होता है। वहीं Keyboard पर कुछ विशेष प्रकार की कुंजी (Key) भी होती है। कुल मिलाकर Keyboard में लगभग 104 या 108 कुंजी (Key) होती है।


Keyboard में उपस्थित सभी कुंजी पर अक्षर या चिन्ह उकेरी हुई होती है। जिन्हें दबाने पर Computer में वहीं अक्षर, नंबर या चिन्ह टाइप हो जाता है। जो Keyboard के उस कुंजी पर उकेरी हुई होती है। Keyboard का उपयोग ही Computer को Text के रुप में निर्देश देने के लिए होता है। किन्तु इसे Mouse की तरह भी उपयोग किया जा सकता है।


Computer Keyboard एक बहुक्रियात्मक उपकरण है। जिससे Computer में न सिर्फ Text लिख सकते हैं। बल्कि Computer को पूरी तरह से कंट्रोल भी कर सकते हैं। इसके लिए Keyboard को Computer से Connect करना होता है। Keyboard को Computer से Connect करने के लिए पहले से ही एक विशेष Port बनाया गया होता है। लेकिन आजकल USB Keyboard भी आते हैं। जिसे USB Port में लगाकर Computer से Connect किया जाता है।


जरुर पढ़ें:-


Input Device क्या है?

Output Device क्या है?

Processing Device क्या है?

Storage Device क्या है?

Computer Mouse क्या है?

Monitor क्या है?

Computer Memory क्या है?

RAM क्या है?

ROM क्या है?

Keyboard का Full Form (Keyboard Full Form in Hindi)

क्या आप जानते हैं कि Keyboard का पूरा नाम क्या होता है। जी हाँ! Keyboard का भी Full Form होता है। क्या आपको इससे पहले पता था क्या?


Keyboard के पूरा नाम Keys Electronics Yet Board Operating A to Z Response Directly होता है।


K – Keys

E – Electronics

Y – Yet

B – Board

O – Operating

A – A to Z

R – Response

D – Directly

Keyboard की परिभाषा हिंदी में (Keyboard definition in Hindi)

Computer का वह उपकरण जिसकी सहायता से Computer में Text, Numbers और Symbols आदि को Input किया जाता है। सामान्यतः वह उपकरण Keyboard कहलाता है।


अर्थात Keyboard की सहायता से Computer में कोई अक्षर, शब्द, वाक्य, नंबर और कोई चिन्ह लिखा जाता है। Keyboard एक प्रकार का Input Device है। इसे Input Device के अंतर्गत इसी लिए रखा जाता है। क्योंकि यह Computer में सिर्फ Input करने में काम आता है। इसकी सहायता से सिर्फ Input किया जा सकता है। उम्मीद करता हूँ कि Keyboard की परिभाषा और इसकी कार्यप्रणाली समझ आया होगा।


Computer Keyboard की बनावट (Keyboard Structure in Hindi)

एक Computer Keyboard में बहुत सारी कुंजीयाँ (Keys) होती है। जिसे अलग अलग देशों ने अपनी भाषा और लिपि के अनुसार सजाया है। जिसे Keyboard Layout कहते हैं। इसकी वजह से आज मार्केट में विभिन्न Layout के Computer Keyboard उपलब्ध है।


इनके Layout के कारण Keyboard के बनावट आकार या प्रकार तय होता है। Computer Keyboard को मुख्य रूप से दो Layout में बांट सकते हैं।


1. QWERTY Keyboard

QWERTY Keyboard Computer या लैपटॉप में सबसे अधिक उपयोग होने वाला Keyboard Layout है। यहाँ तक कि स्मार्टफोन और टेबलेट में भी QWERTY Keyboard का ही डिफॉल्ट रुप से इस्तेमाल होता है। यह सबसे पॉपुलर Keyboard Layout है।


इस Layout का नाम QWERTY इसलिए है। क्योंकि इस Keyboard के पहले 6 Alphabet Q, W, E, R, T और Y होते हैं। जिसे आप Alphabet वाले Keys के पहले Line में देख सकते हैं।


QWERTY Layout पर आधारित अन्य Keyboard Layout


AZERTY

QWERTZ

QZERTY

2. Non-QWERTY Keyboard

Non-QWERTY Keyboard QWERTY Keyboard Layout पर आधारित नहीं होता है। यदि आपका काम Computer पर अधिक होता है। और Alphabet से जल्दी जल्दी काम करना होता है। तब आपके लिए Non-QWERTY Keyboard अच्छा होगा। क्योंकि इसे Fast Typing के लिए बनाया ही गया है। इससे हाथ और अँगुली में खिंचाव कम होता है। जिससे अधिक टाइपिंग करने के बाद भी हाथ या अंगुली दर्द नहीं करते हैं।


Non-QWERTY Keyboard पर आधारित अन्य Keyboard Layout


DVORAK

WORKMAN

COLEMAK

Keyboard के प्रकार (Types of Computer Keyboard in Hindi)

1. Normal Keyboard

साधारणतः Computer में जिस Keyboard का उपयोग किया जाता है। वो Normal Keyboard ही होता है। इस Keyboard में लगभग 108 कुंजी होती है। इसे Computer से कनेक्ट करने के लिए Cable को सीपीयू में कनेक्ट करना होता है। इस तरह के Keyboard को Wired Keyboard भी कहा जाता है। क्योंकि इसे Wire के द्वारा Computer से कनेक्ट किया जाता है। यह Keyboard सबसे ज्यादा उपयोग भी किया जाता है। क्योंकि यह दुसरे Keyboard के मुकाबले सस्ता होता है।


2. Wireless Keyboard

बिना Wire वाले Keyboard को Wireless Keyboard कहा जाता है। इसे USB Recever के द्वारा Computer से कनेक्ट किया जाता है। यह Normal Keyboard के मुकाबले अधिक महंगा होता है।


3. Ergonomic Keyboard

Ergonomic Keyboard विशेष प्रकार से Designed Keyboard होता है। इसे इस तरह Design किया गया होता है कि इससे Typing करने में आसानी होती है। जिससे अधिक Typing करने के बाद भी हाथ और अंगुली में होने वाले दर्द को कम करता है।


Computer Keyboard के इतिहास (History of Keyboard in Hindi)

आज जो Computer Keyboard है। वो शुरुआत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था। टाइपराइटर, टेलीप्रिंटर्स और कीपंच जैसे अविष्कार को ही Keyboard का शुरुआती फॉर्म मान सकते हैं। टाइपराइटर को तो Computer Keyboard का पूर्वज भी माना जाता है। टाइपराइटर को तो आप सभी लोग जानते ही होंगे।


पहला व्यवहारिक टाइपराइटर वर्ष 1868 में Christopher Soles के द्वारा विकसित किया गया था। टाइप-राइटर शब्द भी इन्होंने ही दिया था। टाइप-राइटर का Layout समान्य ABCD की तरह था। जिससे लिखना मुश्किल होता था। इसमें गलतियाँ भी अधिक होता था।


जिसके बाद टाइप-राइटर ने QWERTY Layout को पेश किया। जिसका उपयोग आज भी आधुनिक Computer Keyboard पर किया जाता है।


Computer Keyboard काम कैसे करता है?

Keyboard Computer का एक प्रमुख Hardware Device है। जिसके पास खुद का Processor और सर्किट होता है। सर्किट Keyboard के पूरे Keys से मिलकर एक जालीदार सर्किट बनाते हैं। जिसे Key Matrix कहते हैं। इसके मदद से User द्वारा दबाए गए Keys की जानकारी Keyboard के Processor तक पहुंचता है।


इसके लिए प्रत्येक Keys के नीचे के सर्किट को तोड़ दिया जाता है। जहाँ एक Switch भी लगा होता है। यह Switch Keyboard के Keys के दबने के कारण टूटे सर्किट को जोड़ देता है। जब Keyboard के Keys को दबाया जाता है। तब सर्किट में हल्का सा विधुत का बहाव होता है। जिससे सर्किट में झनझनाहट (Vibration) उत्पन्न होता है।


इससे Keyboard के Processor को पूर्ण सर्किट का पता चलता है। तब Computer के ROM में Character Chart बनता है और Computer के Processor को बताता है कि Keyboard से कौन से Keys को दबाया गया है।


इसी प्रकार हमारा Keyboard काम करता है और Computer को इसी तरह पता चलता है कि कौन से Keys को दबाया गया है।


Keyboard के कार्य (Functions of Keyboard in Hindi)

Keyboard का क्या कार्य है? यह एक समान्य प्रश्न है। जिसका जवाब लगभग सभी Computer User को पता होगा। क्योंकि Computer का इस्तेमाल करने के लिए Keyboard का उपयोग करना बेहद जरूरी होता है। आपने यह तो ऊपर समझ लिया होगा कि Keyboard एक Input Device है। जो कि Computer में डेटा को Input करने के लिए प्रयोग किया जाता है। जैसे;


Computer में शब्द लिखने के लिए यानी Document पर कुछ लिखने में,

Computer पर Number लिखने के लिए जैसे Calculation का प्रयोग करते वक्त Number लिखने में,

Document में Symbol का प्रयोग करने के लिए, इत्यादि।

Keyboard का उपयोग Mouse के रुप में भी किया जाता है। जैसे; Cursor को ऊपर, नीचे और दाएं बाएं करने के लिए। Computer Keyboard के इन सभी कार्य को करने के लिए Keyboard में 100 से भी अधिक Keys होते है। जिसे बहुत सारे लोग Button भी कहते हैं। इन सभी Keys (Button) का कार्य अलग अलग होता है। जिसे आप नीचे विस्तार से जानेंगे।


Keyboard का परिचय (Keyboard information in Hindi)


Keyboard का फोटो

ऊपर हमने Keyboard के बारे में बहुत कुछ बताया है। जैसे; Keyboard क्या है, Keyboard का Full Form, Keyboard की परिभाषा, Keyboard की बनावट, Keyboard के प्रकार, Keyboard के इतिहास और भी बहुत कुछ। Keyboard के इन सभी जानकारी को पढ़ने के बाद आप Keyboard के बारे में लगभग सबकुछ जान चुके हैं। लेकिन फिर भी जिन लोगों ने कभी Computer या Keyboard देखा ही नहीं है। वे तो Keyboard के बारे में सिर्फ ऊपर ऊपर ही जाने होंगे। उन्हें तो पता ही नहीं होगा कि आखिर हम किस Device को Keyboard कह रहे हैं। Keyboard कैसा होता है, Keyboard कैसा दिखता है।


इसलिए हमने आपके लिए ऊपर फोटो में Keyboard का फोटो दिया है। ताकि आप देखो की वास्तव में Computer Keyboard क्या है और Keyboard कैसा होता है। सामान्यतः Computer Keyboard एक आयताकार होता है। जिसपर बहुत सारे Buttons लगे होते हैं। जिस पर Text, Numbers और Symbols आदि लिखा होता है। जिस Text को Computer में Input करना होता है। उसे Click करते हैं। इस प्रकार वह Text Computer में Input हो जाता है। चलिए Keyboard के सभी बटन की जानकारी प्राप्त करते हैं।


Keyboard के Button की जानकारी

एक Normal Keyboard में लगभग 104 या 108 Keys (Button) होते हैं। जिसमें से प्रत्येक Keys का अपना अलग कार्य होता है। वहीं कुछ Keys का प्रयोग दुसरे Keys के साथ किया जाता है। इसमें तीन Indicator Light भी होता है। Keyboard में प्रत्येक Keys को कार्य के अनुसार 6 प्रकार में बांट सकते हैं।


Keyboard के Button के नाम

Function Keys

Typing Keys

Navigation Keys

Numeric Keys

Indicator Light

Special Purpose Keys

1. Function Keys

Keyboard के सबसे ऊपर वाले Row में उपस्थित 12 कुंजी (Key) को Function Keys कहते हैं। यह F1 से शुरू होकर F12 तक होता है। प्रत्येक Function Keys को बार बार किये जाने वाले कार्यो के लिए प्रोग्राम किया होता है। ताकि समय की बचत हो सके। जो इस प्रकार है:-


F1 Open Help Center

F2 Rename Files Or Folders

F3 Open Search In Browser Or Windows

Alt+F4 Shutdown Or Restart Computer

F5 Refresh

F6 Volume Down

F7 Volume Up

F8 Start Safe Mode

F9 Reduce Screen Brightness

F10 Increase Screen Brightness

F11 Open Or Close Full Screen Mode

F12 Save As

Function Key के कार्य

2. Typing Keys

Typing Keys में Alphabetical और Numerical दोनो तरह के Keys होते हैं। इसलिए इसे Alphanumerical Keys भी कहते हैं। Computer Keyboard में 26 Keys Alphabetical होते हैं। जिसमें Alphabet के 26 Letter (A to Z) होते हैं। जिसका उपयोग कर Computer में कोई भी Text लिख सकते हैं। Numerical Keys का प्रयोग Number या अंक लिखने के लिए किया जाता है। जिसमें 0 से 9 तक के अंक होते हैं। Typing Keys में Punctuation Marks और Symbol भी शामिल होते हैं। Typing करते वक्त इन Typing Keys का उपयोग सबसे अधिक होता है।


3. Navigation Keys

Navigation Keys का प्रयोग Computer स्क्रीन पर कर्सर (Cursor) को कहीं भी ले जाने के लिए किया जाता है। ये 4 Keys होते हैं। जिसमें चारों भिन्न-भिन्न दिशाओं में कर्सर को ले जाने में उपयोग होता है। जिसे समझने के लिए Arrow (तीर) के निशान से दर्शाया होता है। इसलिए इसे Arrow Keys भी कहते हैं। इसमें कर्सर को नियंत्रित करने के लिए Arrow Keys के अलावा Home Keys, End Keys, Insert Keys, Delete Keys, Page Up और Page Down Keys होता है।


4. Numeric Keys

एक Normal Keyboard में Numeric Keys Keyboard के Right Side में होता है। इसका उपयोग Number या अंक Type करने में होता है। यह Calculator के समान होता है। इसपर 0 से 9 तक अंक तथा जोड़, घटाव, गुणा और भाग जैसी Calculator के Symbol होते हैं। इसलिए इसे Calculator Keys भी कहते हैं।


5. Indicator Light

Computer Keyboard में तीन तरह के Light होते हैं। जिसे Indicator Light कहा जाता है। Keyboard पर उपस्थित तीनों Light में से पहला Light Numerical Keys के On/OFF का संकेत देती है। वहीं दुसरा Light Uppercase और Lowercase का संकेत तथा तीसरा Light Scrolling के बारे में संकेत देती है।


6. Special Purpose Keys

Special Purpose Keys का उपयोग विशेष कार्यों को करने के लिए प्रोग्राम किया गया होता है। बहुत सारे Special Purpose Key एक Normal Keyboard पर होता है। इसमें से अधिकांश Keys का उपयोग किसी दुसरे Keys के साथ करते हैं। चलिए सभी Special Purpose Key को विस्तार से जानते हैं।


1. Caps Lock Key

Caps Lock Key एक टॉगल बटन है। टॉगल बटन कहने का मतलब है कि इसे एक बार दबाने पर यह सक्रिय होता है और इसे पुनः दबाने पर निष्क्रिय हो जाता है। इसे सक्रिय करने पर Keyboard के Alphabetical Keys, Capital Letter में लिखाता है। जिसे Computer में Upper case बोला जाता है। इसे निष्क्रिय कर के लिखने पर Alphabetical Keys, Small Letter में लिखाता है। जिसे Computer में Lower case बोला जाता है। Keyboard के Indicator Light का दुसरा Light इसी का संकेत देती है।


2. Num Lock Key

Num Lock Key भी एक टॉगल बटन है। इसे सक्रिय करने से Keyboard के ऊपरी Numeric Keys सक्रिय होता है। Indicator Light का पहला Light इसी का संकेत देती है।


3. Shift Key

Shift Key एक संयोजन बटन है। संयोजन बटन कहने का मतलब है कि इस बटन का उपयोग किसी और बटन के साथ करते हैं। आपने Computer Keyboard के बहुत सारे बटन पर दो Character अंकित देखा होगा है। तब ऐसे बटन के ऊपर वाले Character को Computer पर लिखने के लिए Shift Key के साथ उस बटन का प्रयोग करते हैं। जैसे; Keyboard के 2 अंक वाले बटन के ऊपर @ है। अतः @ को Computer पर लिखने के लिए Shift Key के साथ 2 अंक वाले बटन को दबाना होगा। इसके साथ इसका उपयोग Alphabetical Keys को Uppercase और Lowercase में भी लिखने के लिए होता है। जैसे; Shift Key के साथ किसी Alphabetical Keys को दबाने पर वह Uppercase में Computer पर लिखाएगा। वहीं अगर Caps Lock Key को सक्रिय कर Shift Key के साथ किसी Alphabetical Keys को दबाने पर Computer में वह Letter Lowercase में लिखाएगा। Numerical Keys पर अंकित Directional Arrow का इस्तेमाल करने के लिए भी Shift Keys के साथ प्रयोग किया जाता है। एक Computer Keyboard में दो Shift Key होते हैं।


4. Enter Key

Computer में किसी भी कार्य को पूरा करने या निष्पादित करने के लिए Enter Key का प्रयोग किया जाता है। किसी Document या Text लिखते वक्त नये Paragraph के लिए इसका उपयोग होता है। Enter Key भी Computer के दो स्थानों पर होते हैं।


5. Tab Key

Tab Key, Tabulator Key का संक्षिप्त नाम है। यह कर्सर को एक जगह से दूसरे जगह यानी एक Tab से दुसरे Tab में ले जाता है।


6. Esc Key

Esc Key, Escape Keys का संक्षिप्त नाम है। इस बटन को Cancel बटन के समतुल्य समझा जाता है। क्योंकि इसके प्रयोग से चल रहे PowerPoint में Slide Show रुक जाता है। Load हो रहे Webpage रुक जाता है। Webpage पर चल रहे Animation रुक जाता है। लेकिन इसका प्रयोग Ctrl Keys के साथ करने पर Start Menu खुलता है।


7. Space Bar

Space Bar का उपयोग Text के बीच में जगह (Space) डालने के लिए किया जाता है।


8. Back Space Key

Back Space Key का उपयोग किसी Documents में या अक्षर, चिन्ह में कर्सर के ठीक बायीं ओर के जगह को मिटाने के लिए किया जाता है।


9. Delete Key

Delete Key का उपयोग किसी Document में या किसी अक्षर, चिन्ह में कर्सर के ठीक दायीं ओर के जगह को मिटाने (Delete) के लिए किया जाता है। इससे Select जगह को भी मिटाया जा सकता है।


10. Ctrl Key

Ctrl Key, Control Key का संक्षिप्त नाम है। इसे भी एक संयोजन बटन कहते हैं। इसे किसी और बटन के साथ दबाने पर विशेष कार्य करता है। जैसे; Ctrl Key के साथ C दबाने से Copy होता है। Ctrl Key विभिन्न सॉफ्टवेयर के साथ अपना कार्य बदलते रहते हैं। Ctrl Key भी Keyboard दो जगह होते हैं।


11. Print Screen Key

Print Screen Key का उपयोग Computer पर प्रदर्शित Screen का Screenshort लेने के लिए किया जाता है।


12. Scroll Lock Key

Scroll Lock Key Computer पर चल रहे प्रोग्राम या Text को अस्थायी रुप में एक ही स्थान पर रोक देता है। पुनः पहले जैसा करने के लिए फिर से इस बटन को दबाना होता है।


13. Pause Key

Pause Key ऊपर Scroll Lock Key के पास स्थित होता है। यह बटन चल रहे प्रोग्राम को अस्थायी तौर पर रोक देता है। जिसे पुनः पहले जैसा करने के लिए किसी भी बटन को दबा सकते हैं। गेम खेलते वक्त गेम को बीच में रोकने के लिए इसी Pause बटन का उपयोग होता है।


14. Modifier Key

Modifier Key Computer Keyboard का एक विशेष बटन होता है। जो दुसरे बटन के साथ प्रयोग होता है और दुसरे बटन के कार्य को रुपांतरित करता है। जैसे; Alt बटन को F4 बटन के साथ प्रयोग करने से Windows को Shutdown और Restart करता है। इसमें Alt Modifier Key है। जो F4 के कार्य को रुपांतरित कर दिया।


कुछ Modifier Key निम्न है।


Alt Key

Shift Key

Ctrl Key

Computer Keyboard से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर

1. Keyboard किसे कहते हैं?

जिससे Computer में Text, Numbers और Symbols आदि Input करते हैं। उसे Keyboard कहते हैं।


2. Keyboard का आविष्कार कब हुआ?

टाइपराइटर का अविष्कार वर्ष 1868 में हुआ था। Keyboard टाइपराइटर में परिवर्तन कर या विकसित कर के बनाया गया है।


3. Keyboard का आविष्कार किसने किया या खोज किसने किया?

टाइपराइटर का अविष्कार Christopher Soles ने किया था। बाद में टाइपराइटर को विकसित कर Keyboard बनाया गया।


4. Keyboard किस प्रकार का डिवाइस है?

Keyboard इनपुट डिवाइस है।


5. Keyboard को हिंदी में क्या कहते हैं?

Keyboard को हिंदी में कुंजीपटल कहते हैं।


6. Computer Keyboard का पूरा नाम क्या है?

Computer Keyboard का पूरा नाम Keys Electronics Yet Board Operating A to Z Response Directly होता है।


7. Computer में Keyboard का क्या काम है?

Computer में Keyboard का काम इनपुट करना होता है।


8. Computer Keyboard में कितने Arrow बटन होते हैं?

Computer Keyboard में 4 Arrow बटन होते हैं। जिसे Navigation Keys कहते हैं।


9. Ctrl, Shift और Alt को क्या कहते हैं?

Ctrl, Shift और Alt को मोडिफायर कुंजी कहते हैं।


10. Computer के Keyboard में कितने बटन होते हैं?

एक समान्य Computer Keyboard में 104 या 108 होते हैं।


11. Keyboard में Function Button की संख्या कितनी है?

Computer Keyboard में Function Button की संख्या 12 है। यह F1 से लेकर F12 तक होता है।


इसे भी पढ़ें:-


कंप्यूटर क्या है?

हार्डवेयर क्या है?

सॉफ्टवेयर क्या है?

ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?

Conclusion – Keyboard in Hindi

इस लेख में Computer Keyboard की बहुत सी जानकारी बताया गया है। जैसे; Keyboard क्या है, Keyboard के इतिहास, Keyboard के प्रकार, कार्य और Computer Keyboard के Keys की पूरी जानकारी दिया गया है।


उम्मीद करता हूँ कि यह लेख आप लोगों को पसंद आया होगा। और आप यहाँ जिस प्रश्न के साथ आए थे उसका जवाब मिल गया होगा। अगर यहा लेख आपको पसंद आया है। तब इसे WhatsApp और Facebook के जरिए अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।



Computer Shortcut Keys In Hindi/कंप्यूटर शॉर्टकट Keys हिंदी में

 कंप्यूटर शॉर्टकट Keys हिंदी में | Computer Shortcut Keys In Hindi


SHARMA COMPUTER

इन Shortcut Key Hindi की सहायता से आप कंप्यूटर पर अपना काम जल्दी से कर सकते हैं तथा आप का टाइम बच सकता है। अतः हमारे द्वारा दिए गए Hindi Typing Shortcut Key को पढ़कर आप इन्हें कीबोर्ड के माध्यम से इस्तेमाल कर सकते हैं। 


Table of Contents


Computer Shortcut Keys In Hindi

Basic Keyboard Shortcut Keys

Alternate Key (Alt)

Function Shortcut Keys

Microsoft Word Shortcut Keys

Special Characters Shortcut Keys

Windows Shortcut Keys In Hindi

Internet Browser Shortcut Keys In Hindi

Mozilla Firefox Shortcut Keys

Microsoft Excel Shortcut Keys

Computer Shortcut Keys In Hindi

Computer में कई प्रकार की keys को हम इस्तेमाल करते है। जैसे कि Basic Keyboard Shortcut Keys, Alternate Key (Alt), Function Shortcut Keys, Microsoft Word Shortcut Keys, Special Characters Shortcut Keys, Windows Shortcut Keys In Hindi, Internet Browser Shortcut Keys In Hindi. आए जानते है इन Computer shortcut keys के बारे में।


Computer Shortcut Keys In Hindi

Basic Keyboard Shortcut Keys

Ctrl +A. Select All

Ctrl + B Bold

Ctrl + C Copy

Ctrl + D Font

Ctrl + E Center

Ctrl + F Find

Ctrl + G Go to

Ctrl + I Italic

Ctrl + J Justified

Ctrl + K hyperlink

Ctrl + L Left alignment

Ctrl + M Move

Ctrl + N New file

Ctrl + O Open file

Ctrl + P Print

Ctrl + Q Close

Ctrl + R Reload / Right alignment

Ctrl + S Save

  Ctrl + U Underline

Ctrl + V Paste

Ctrl + X Cut

Ctrl + Y Redo

Ctrl + Z Undo

Alternate Key (Alt)

Alt + E: Current Program में Edit के Option को Open कर सकते है।

Alt + F: Current Program में File Menu को Open कर सकते है।

Alt + F4: किसी Program या Window को बंद कर सकते है।

Alt + Enter: Properties देखने के लिए इस्तेमाल करते है। 

Alt + Tab: Open program में Switch करने के लिए इस्तेमाल करते है। 

Alt + Shift + Tab: Previous program में switch करना

Alt + Print Screen: Current program का screenshot ले सकते है। 

Function Shortcut Keys

F1: किसी भी Program या Software की Help and Support Center को Open कर सकते है।

F2: Selected File को Rename कर सकते है। 

F3: Computer में या Internet browser पर F3 प्रेस करेंगे। तो Search Bar ओपन होगा।

F4: ये Function key को हम अगर Alt + F4 करके दबाएंगे। तो कोई भी Program या Software बंद हो जाएगा। और अगर Desktop पर दबाएंगे तो कंप्यूटर Shut Down का ऑप्शन आएगा। 

F5: Desktop को Refresh कर सकते है। और अगर हमारा कोई Browser में वेबसाइट ओपन है तो हम उसे Reload कर पाएंगे। 

F6: Internet browser में कोई वेबसाइट Open है तो उसके Address bar/URL में हम डायरेक्ट जा सकते है। 

F7: Ms Word में Spell and Grammar check के ऑप्शन को इस्तेमाल में ले सकते है।

F8: Computer/Laptop में Windows Install करते समय इसी Key का इस्तेमाल किया जाता है।

F9: Microsoft Word में Document को Refresh कर सकते है। इस Key की मदद से।

F10: सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम के मेनू को सेलेक्ट कर सकते है।

F11: किसी भी Software, Browser या Application को Full Screen Mode में चला सकते है।

F12: Ms Word में इसे प्रेस करने से Save का ऑप्शन आता है।

Microsoft Word Shortcut Keys

Ctrl+A – पूरे पेज को एक साथ सलैक्‍ट करने के लिये 

Ctrl+B – टेक्स्ट बोल्‍ड करने के लिये 

Ctrl+C – टेक्स्ट कॉपी करने के लिये 

Ctrl+D – डिफाल्‍ट फान्‍ट सेंटिग बदलने के लिये 

Ctrl+E – टेक्स्ट को सेंटर करने के लिये 

Ctrl+F – फाइंड करने के लिये 

Ctrl+G – सीधे किसी पेज या लाइन पर पहुॅचने के लिये 

Ctrl+H – किसी शब्‍द को रिप्‍लेस करने के लिये 

Ctrl+I – टेक्स्ट इटैलिक करने के लिये 

Ctrl+J – पैराग्राफ को जस्टीफाई करने के लिये 

Ctrl+K- पेज पर हाईपरलिंक लगाने के लिये 

Ctrl+L – अलाइन टेक्स्ट लेफ्ट करने के लिये 

Ctrl+M – इंडेंट बढाने के लिये 

Ctrl+N – नई फाइल बनाने के लिये 

Ctrl+O – फाइल ओपन करने के लिये 

Ctrl+P – प्रिंट निकालने के लिये 

Ctrl+Q – इंडेंट समाप्‍त करने के लिये 

Ctrl+R – अलाइन टेक्स्ट राइट करने के लिये 

Ctrl+S – फाइल सेव करने के लिये 

Ctrl+T – पेज पर हैंडिग इंडेंट बढाने के लिये 

Ctrl+U – अण्‍डरलाइन के लिये 

Ctrl+V – टेक्‍स्‍ट पेज करने के लिये 

Ctrl+W – फाइल क्‍लोज करने के लिये 

Ctrl+X – टेक्‍स्‍ट कट करनेे केे लिये 

Ctrl+Z – अंडू करने के लिये  

Ctrl+] – फान्‍ट साइज बढाने के लिये 

Ctrl+[- फान्‍ट साइज घटाने के लिये

Special Characters Shortcut Keys

Shift + 1: Exclamation Mark ‘!’  

Shift + 2: At the rate ‘@’

Shift + 3: Hashtag ‘#’

Shift + 4: Dollar ‘$’

Shift + 5: Percentage ‘%’

Shift + 6: Caret ‘^’

Shift + 7: Ampersand ‘&’

Shift + 8: Asterisk ‘*’

Shift + 9: Left Parenthesis ‘(‘

Shift + 0: Right Parenthesis ‘)’

Windows Shortcut Keys In Hindi

Windows Key + D: इससे हम अपने Desktop को Display और Hide कर सकते है। 

Windows Key + E: इससे Explorer को Open करते है। 

Windows Key + F: Files और Folders को search कर सकते है।  

Windows Key + M: सारी Windows को Minimize कर सकते है। 

Windows Key + R: Run Menu Open होता है। 

Windows Key + F1: Windows Help and Support open होता है। 

Windows Key + Tab: Task view खुलता है। 

Windows Key + Break: System Properties open होता है। 

Windows Key + Up Arrow: Current window का साइज Maximize कर सकते है। 

Internet Browser Shortcut Keys In Hindi

Ctrl + T: इससे नया Tab ओपन होगा। 

Ctrl + N: इससे New Window ओपन होगी। 

Ctrl + I: इससे हम अपने favorites को देख पाएंगे।

Ctrl + D: Current site को अपने favorites में add कर पाएंगे। 

Ctrl + P: Current Page को Print कर सकते है। 

Ctrl + J: Downloads को देख सकते है।

Ctrl + H: अपने Web Browser की History को देख सकते है। 

Ctrl + F4: Background Tabs बंद हो जाएंगे। 

Ctrl + Tab: Tabs को Switch कर सकते है।

Ctrl + Shift + T: इससे हम उस Tab को Open कर पाएंगे जो हमने close कर दिया था। 

Ctrl + Shift + Delete: हम Web Browser की History को Delete कर सकते है। 

Ctrl + (+ or -): Page का size बड़ा और छोटा कर सकते है। 

Mozilla Firefox Shortcut Keys

Alt + Left Arrow — Back a page

Backspace — Back a page

Alt + Right Arrow — Forward a page

F5 — Refresh current page, frame, or tab

F11 — Display the current website in full screen mode. Pressing F11 again will exit this mode

Esc — Stop page or download from loading

Ctrl + (- or +) — Increase or decrease the font size, pressing ‘-‘ will decrease and ‘+’ will increase

Ctrl + Enter — Quickly complete an address. For example, type google in the address bar and press CTRL + ENTER to get http://www.google.com

Shift + Enter — Complete a .net instead of a .com address

Ctrl + Shift + Enter — Complete a .org address

Ctrl + Shift + Del — Open the Clear Data window to quickly clear private data

Ctrl + D — Add a bookmark for the page currently opened

Ctrl + I — Display available bookmarks

Ctrl + J — Display the download window

Ctrl + N — Open New browser window

Ctrl + P — Print current page / frame

Ctrl + T — Opens a new tab

Ctrl + F4 — Closes the currently selected tab

Ctrl + Shift + T — Undo the close of a window

Ctrl + Tab — Moves through each of the open tabs

Spacebar — Moves down a page at a time

Shift + Spacebar — Moves up a page at a time

Alt + Down arrow — Display all previous text entered in a text box and/or available options on drop

Microsoft Excel Shortcut Keys

F2 — Edit the selected cell

F5 — Go to a specific cell. For example, C6

F7 — Spell check selected text and/or document

F11 — Create chart

Ctrl + Shift + — Enter the current time

Ctrl + — Enter the current date

Alt + Shift + F1 — Insert New Worksheet

Shift + F3 — Open the Excel formula window

Shift + F5 — Bring up search box

Ctrl + A — Select all contents of the worksheet

Ctrl + B — Bold highlighted selection

Ctrl + I — Italic highlighted selection

Ctrl + K — Insert link

Ctrl + U — Underline highlighted selection

Ctrl + 5 — Strikethrough highlighted selection

Ctrl + P — Bring up the print dialog box to begin printing

Ctrl + Z — Undo last action

Ctrl + F9 — Minimize current window

Ctrl + F10 — Maximize currently selected window

Ctrl + F6 — Switch between open workbooks / windows

Ctrl + Page up — Move between Excel work sheets in the same Excel document

Ctrl + Page down — Move between Excel work sheets in the same Excel document

Ctrl + Tab — Move between Two or more open Excel files

Alt + = — Create a formula to add all of the above cells

Ctrl + ‘ — Insert the value of the above cell into cell currently selected

Ctrl + Shift + ! — Format number in comma format

Ctrl + Shift + $ — Format number in currency format

Ctrl + Shift + # — Format number in date format

Ctrl + Shift + % — Format number in percentage format

Ctrl + Shift + ^ — Format number in scientific format

Ctrl + Shift + @ — Format number in time format

Ctrl + Arrow key — Move to next section of text

Ctrl + Space — Select entire column

Shift + Space — Select entire row

SHARMA COMPUTER REOTI

मंगलवार, 14 मार्च 2023

ms excel

 



HOMEPAGEEXCEL FORMULASLOGICAL FUNCTION

हिंदी में What is IF function in Excel | 6 Operator उदाहरणों के साथ Read now

   


यह पोस्ट एक्सेल के IF फंक्शन के बारे में है। इस पोस्ट में IF function in Excel के बारे में बिस्तार पूर्वक बताया गया है कि IF फंक्शन एक्सेल में किस तरह और किन-किन जगहों पर और कितने अलग-अलग तरीकों से प्रयोग में लिया जाता है। तो चलो IF function in Excel के सभी तरीकों से प्रयोग के बारे में जानते है।


IF फंक्शन क्या है ?

Contents Hide

1) IF फंक्शन क्या है ?

1.1) Arguments of IF function in Excel

1.2) IF Function in Excel का टेस्टिंग Operators सिस्टम

2) Excel में IF फंक्शन का उपयोग

2.1) IF फंक्शन > उपयोग विधि

2.2) IF फंक्शन < उपयोग विधि

2.3) IF फंक्शन = उपयोग विधि

2.4) IF फंक्शन >= उपयोग विधि

2.5) IF फंक्शन <= उपयोग विधि

2.6) IF फंक्शन <> उपयोग विधि

3) निष्कर्ष

Function Name : IF

Function Category : Logical Function

Function Syntax :IF(logical_test , [value_if_true] , [value_if_false] )

IF function in Excel एक बहुत ही उपयोगी फंक्शन है। IF फ़ंक्शन का उपयोग किसी कंडीशन पर किया जाता है। क्योंकि यह फार्मूला कंडीशन बेस्ड है इसमें सबसे पहले आपको टेस्टिंग वैल्यू ( शर्त रखा हुआ )को देना होता है। फिर यदि टेस्टिंग वैल्यू TRUE हुआ तो आपको उत्तर में क्या दिखाना है।



हिंदी में What is IF function in Excel | 6 Operator उदाहरणों के साथ Read now

चित्र संख्या 1

नहीं तो टेस्टिंग वैल्यू FALSE हुआ तो उत्तर में क्या दिखाना है। यह फंक्शन पहले शर्त में वैल्यू के साथ वैल्यू की स्थिति की जांच करता है। यदि मान सत्य है तो दी गई सत्य क्रिया को लौटाता है अन्यथा असत्य में दी गई क्रिया को दर्शाता है।


Arguments of IF function in Excel

Argument Argument hindi Argument Information

1)  Logical test : तार्किक परीक्षण वह मान या लॉजिकल व्यंजक जिसका मूल्यांकन सही या गलत के रूप में किया जाना है।

2)  Value if true : मान यदि सत्य है लॉजिकल टेस्ट का मूल्यांकन सही होने पर क्या दिखाना है ?

3)  Value if false : मान अगर गलत है लॉजिकल टेस्ट का मूल्यांकन गलत होने पर क्या दिखाना है ?

IF Function in Excel का टेस्टिंग  Operators सिस्टम

 


Excel में IF फंक्शन का उपयोग

एक्सेल में if formula in excel in hindi में प्रयोग अलग-अलग Logical परीक्षण ऑपरेटर द्वारा किया जाता है। जिसे Logical परीक्षण सिस्टम में बताया गया है। और इन सभी तरीको के बारे में एक-एक करके सीखेंगे। ताकि हमें यह ज्ञात हो सके कि IF function in Excel को कैसी जरूरत पर किस तरह प्रयोग में लेना चाहिए इसलिए एक-एक तरीके से एक्सेल शीट में प्रयोग करने की विधि को जानना जरूरी है।


IF फंक्शन > उपयोग विधि

पहला नंबर Greater Thane ( > ) है तो हम पहले ग्रेटरदेन का प्रयोग करना देखेंगे। प्रयोग करने से पहले आपको डाटा शीट बनाना होगा जैसा चित्र संख्या 2 में दिया गया है। या फिर आपके पास पहले से कुछ ऐसी शीट है तो आप उसमे प्रयोग कर सकते है।



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चित्र संख्या 2

तो हमें चित्र संख्या 2 के डाटा में खरीदे गए सामान की लिस्ट और पहले की लागत दी गई है। जिसमे हमें महंगे(Costly) खरीदे गए सामान को पता करना है। जो पुराने (Old Rate) और नये (New Rate) रेट की मदद से प्राप्त होगा। जिसे IF function in Excel का प्रयोग कर पता करेंगे।



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चित्र संख्या 3

हमें एल्युमिनियम फ्राई पॉट को खरीदने पर पहले से कितना ज्यादा अमाउंट और देना पड़ा पता करने के लिए उस रौ के सेंटर में स्थित सेल F3 सेलेक्ट करेेंगे और फंक्शन स्टार्ट करने के लिए =IF( फिर logical_test की जगह सेल नया रेट D3 ज्यादा है > पुराने रेट से E3 , फिर  value_if_true की जगह नया रेट से पुराने रेट में अंतर दिखाने के लिए D3-E3 , फिर value_if_false की जगह हमें कुछ नहीं दिखाना तो हम “” डबल कोड अगर आपको कुछ दिखाना है तो आप डबल कोड के अंदर कुछ भी टाइप कर सकते है ) लगाकर ब्रैकेट बंद कर एंटर बटन दाबा देंगे उत्तर आ जायेगा।( फंक्शन होगा )


=IF(D3>E3,D3-E3,"")

फंक्शन को समझें :- फंक्शन को बताया गया है कि नई लागत ज्यादा है पुरानी लागत से तो उत्तर में दिखा दो पर पीस के पीछे कितना ज़्यादा देना पड़ा नहीं तो कुछ नहीं दिखाओ।



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चित्र संख्या 4

फंक्शन को सभी सेल में अप्लाई करने के लिए F3 सेल सेलेक्ट कर सेल के + आइकॉन पर माउस से डबल क्लिक कर दे सभी सेल में अप्लाई हो जायेगा नहीं तो + आइकॉन को माउस के राइट बटन को दबा कर नीचे की ओर खींचकर छोड़ने से भी सभी सेल में अप्लाई किया जाता है। अन्यथा कीबोर्ड से shift key के साथ down arrow key रेंज सेलेक्ट कर ctrl के साथ D key दबा दें सभी सेल में फंक्शन अप्लाई हो जायेगा।


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चित्र संख्या 5

फंक्शन अप्लाई होने के बाद हमें पर पीस महंगे खरीदे गए सामान के बारे में पता चल गया जिसे चित्र संख्या 5 में दर्शाया गया है। इस प्रकार बड़े बड़े डाटा शीट में इस फंक्शन को प्रयोग कर बड़ी ही आसानी से उत्तर प्राप्त किया जाता है जो IF function in Excel के द्वारा बहुत ही कम समय में किया जाता है।


IF फंक्शन < उपयोग विधि

Logical परीक्षण प्रणाली सिस्टम  Less Than का प्रयोग के लिए हमारे पास स्टूडेंट का रिजल्ट डाटा है। जिसमे बताया गया है कि अगर स्टूडेंट का नंबर 300 से कम है तो Fail नहीं तो Pass प्राप्त हो जाये। इसके लिए हम डाटा के Result Status कॉलम में सेल अड्रेस E3 सेलेक्ट कर फंक्शन को लगाएंगे।


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चित्र संख्या 6

=IF(C3 सेलेक्ट करेंगे ( क्योकि हमें संदीप कुमार का रिजल्ट स्टेटस पता करना है ) और कम है < 300 से , फिर अगर यह क्रिया सही है तो डबल कोड के अंदर “Fail” लिखेंगे फिर कामा , अगर क्रिया गलत है तो डबल कोड के अंदर “Pass” लिखेंगे और ब्रैकेट क्लोज कर इंटर बटन दबा देंगे उत्तर प्राप्त हो जायेगा। ध्यान रहे हमें जब भी किसी फंक्शन में यूनिक टेक्स्ट या (STRING) वैल्यू लिखना होता है तो हमें उस वैल्यू को डबल कोड के अंदर लिखना होता है।


इसे भी सीखें :- EOMONTH सूत्र का प्रयोग


=if(C3<300,"Fail","Pass")

फंक्शन को समझें :- फंक्शन को समझाया गया है कि अगर प्राप्त मार्क कम है 300 से तो फेल नहीं तो पास दे दिया जाये।



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चित्र संख्या 7

इंटर बटन दबाते ही हमें संदीप कुमार का रिजल्ट प्राप्त हो गया। जिसे चित्र संख्या 7 में दिखाया गया है। इसी प्रकार सभी स्टूडेंट का रिजल्ट स्टेटस निकलने के लिए E3 सेल को कॉपी कर सभी स्टूडेंट के रिजल्ट स्टेटस सेल में पेस्ट कर दे सभी का रिसल्ट प्राप्त हो जायेगा। या आप E3 सेल सेलेक्ट करें और E3 सेल के राइट साइड के प्लस आइकॉन पर डबल क्लिक करें या नीचे तक खींच कर छोड़ दे सभी सेल में फंक्शन कॉपी या अप्लाई हो जायेगा।



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चित्र संख्या 8

फंक्शन के अप्लाई होते ही सभी स्टूडेंट का रिसल्ट स्टेटस प्राप्त हो जायेगा जैसा चित्र संख्या 10 में दर्शाया गया है। इसी प्रकार अन्य डाटा सीट में जरूरत के हिसाब से आपको IF function in Excel का प्रयोग कर वर्क को क्वालिटी और खुद को बेहतर बनाते रहना है।


IF फंक्शन = उपयोग विधि

इस विधि से प्रयोग करने के लिए हमारे पास स्टूडेंट का एक डाटा है जिसमे कॉलम ” LN , Student Name , City ,Result और IF Function Example “ है और हमें IF Function उदाहरण के कॉलम में फंक्शन लगाना है कि अगर स्टूडेंट UP का है तो उस स्टूडेंट के प्राप्त नंबर का 5% नहीं तो 10% नंबर आ जाये। इसके लिए फंक्शन होगा :-


=IF("UP"=C3,D3*5%,D3*10%)

फंक्शन को समझें :- फंक्शन को बताया गया है कि अगर स्टूडेंट UP से है तो उसके प्राप्त रिजल्ट से 5%


आइये फंक्शन को डाटा में अप्लाई करते है। फंक्शन को लगाने के लिए आप सबसे ऊपर के सेल E3 को सेलेक्ट करे क्योंकि हम एक ही सेल में फंक्शन को लगाएंगे बाकी सभी सेल में उसी फंक्शन को पेस्ट कर देंगे सभी का उत्तर आ जायेगा।



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चित्र संख्या 9

चित्र संख्या 9/ में सेल E3 में फंक्शन को लगाया गया है। जो पहले चेक करेगा कि अगर राहुल UP से है तो उनके प्राप्त नंबर से 5% प्राप्त होगा अन्यथा 10% प्राप्त होगा। फंक्शन लगाने के बाद इंटर बटन दबाते ही उत्तर में रिजल्ट का 5% या 10 प्रतिशत नंबर प्राप्त हो जायेगा।



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चित्र संख्या 10


उत्तर में प्राप्त नंबर 32 है इसका मतलब राहुल UP का नहीं है। क्योंकि फंक्शन ने उसे 10% के हिसाब से मार्क दिया है। ( अगर आपको परसेंट निकलना नहीं अत है तो CLICK करें ) इसी फंक्शन को कॉपी कर सभी सेल में पेस्ट कर देना है सभी का उत्तर प्राप्त हो जायेगा। जैसा कि चित्र संख्या 11 में दर्शया गया है।

चित्र संख्या 11

आप देख रहे है कि चित्र संख्या ११ में लाइन नंबर 2,5,7,10 पर उपस्थित स्टूडेंट UP से है इसलिए उनके प्राप्त मार्क 5% के हिसाब से है। और जो UP से नहीं है उनके मार्क 10% के हिसाब से प्राप्त हुए है। इसी प्रकार आप अलग अलग शीट पर फंक्शन को आप बड़े ही आसानी के साथ सीख सकते है। बस आपको फंक्शन के आर्गुमेंट पर बराबर फोकस करना है।


IF फंक्शन >= उपयोग विधि

यह विधि बड़ा या बराबर (Greater Than or Equal to) की स्थिति को चेक करने के लिए बहुत ही प्रेरक है। तो चलो एक्सेल के स्प्रेडशीट में डाटा पर IF फंक्शन के इस विधि का प्रयोग करने के तरीके को जाने। जिसके लिए एक उदाहरण का प्रयोग किया है। चित्र संख्या 12 में दिखाए गए बाइकर की स्पीड अगर 61 किलो मीटर प्रति घंटा से ज्यादा या बराबर है तो गलत स्पीड ( Wrong Speed ) नहीं तो सही स्पीड ( Right Speed ) कॉलम D में ज्ञात कीजिए।



चित्र संख्या 12

सबसे पहले हमें घनश्याम मौर्य की रेसिंग स्पीड को निकालेंगे क्योंकि एक्सेल में उसीप्रकार के लाइन मल्टीपल होने पर एक बार फंक्शन लगाना होता है और उसी फंक्शन को नीचे के ब्लैंक सेल में पेस्ट कर देना होता है। जिससे घंटो का काम सेकेंडो में हो जाता है। इसलिए सेल D3 सेलेक्ट करेंगे आप चाहें तो निचे की ओर से भी फंक्शन लगा सकते है और उसे ऊपर के सभी सेल्लो में पेस्ट या डुप्लीकेट कर सकते है। लेकिन हम D3 सेलेक्ट कर फंक्शन को लगाएंगे। फंक्शन होगा :-


=IF(C3>=61,"Wrong","Right")

फंक्शन को समझें :- फंक्शन को बताया गया है कि अगर सेल C3 की वैल्यू ज्यादा या बराबर है 61 से तो Wrong नहीं तो Right उत्तर में दिखा दो।


चित्र संख्या 13

जब फंक्शन लगाने के बाद एंटर बटन प्रेस किया तो फंक्शन ने उत्तर में Wrong दिखा दिया जिसे चित्र संख्या देखा जा सकता है। इसका मतलब घनश्याम के बाइक की स्पीड 61km से काम है इसी तरह सभी बाइकर की सही और गलत स्पीड का पता लगाने के लिए D3 सेल को कॉपी कर चित्र संख्या 13 में दिखाए गए ब्लेंक सेल में पेस्ट करे सभी का उत्तर आ जायेगा।

चित्र संख्या 14

ब्लैंक सेल में फंक्शन को पेस्ट करने के बाद सभी का उत्तर आ गया है। जिसे चित्र संख्या 14 में दिखया गया है। जिसमे कुछ अच्छे ड्राइवर या बाइकर है जो नार्मल या परफेक्ट स्पीड में बाइक चलाते है। जैसे :- अमित दुबे , रंजीत गुप्ता और सोनाली जायसवाल आदि।


IF फंक्शन <= उपयोग विधि

जैसा कि चित्र संख्या 15 के हेड्डिंग में दर्शाया गया है कि अगर सामान का बिक्री रेट उसके लागत से 10 रूपये ज्यादा नहीं या बराबर है तो उत्तर में low proffit दिखा दिया जाये। इसके लिए हम दो ऑपरेटर ( Less Than & Equal to ) का प्रयोग कर रिजल्ट प्राप्त करेंगे तो चलो फंक्शन की ध्यान दें। फंक्शन होगा :-


=IF(E3<=D3+10,"Low Proffit","")

फंक्शन को समझें :-  फंक्शन को बताया गया है कि अगर सेल E3 की वैल्यू छोटी या बराबर है D3 + 10 रुपए के तो Low Proffit नहीं तो कुछ नहीं उत्तर में दिखाओ।


सेल F3 में फंक्शन को पेस्ट करते ही रिजल्ट प्राप्त हो गया जिसमे ब्लैंक दिखा दिया है क्योंकि हमने फंक्शन को बताया था की प्रॉफिट होने पर कुछ नहीं दिखाना है। इसका मतलब फॉग ब्लशर की सेल्लिंग लागत + 10 रुपये से भी ज्यादा है।

चित्र संख्या 15

चित्र संख्या 15 के सेल F3 में फंक्शन को लगाया गया है। इसी फंक्शन को कॉपी कर बाकी के सभी सेल को सेलेक्ट कर पेस्ट कर देना है। या पहले की तरह सेल F3 को सलेक्ट करने और सेल राइट साइड कोने में बने + आइकॉन पर डबल क्लिक करने से भी फंक्शन सभी सेल ऑटोफिल हो जायेगा। और सभी का उत्तर प्राप्त हो जायेगा।

चित्र संख्या 16

IF फंक्शन <> उपयोग विधि

इसे प्रयोग करने के लिए आइये डाटा पर चलते है। जैसा की आप चित्र संख्या 17 में देख रहे है कि एक तीन माह के लोन प्राप्ति की लिस्ट दी गई है जोकि Total Received कॉलम में सभी भुगतान को टोटल किया गया है और इसे Net Pay कॉलम से चेक करना है कि प्राप्त भुगतान दिए गए अमाउंट के बराबर है या नहीं। इसके लिए फंक्शन लगाएंगे :-


=IF(F3<>G3,"Pending","")

फंक्शन को समझें :- फंक्शन को बताया गया है कि अगर भुगतान राशि दिए राशि से कम या ज्यादा है तो उत्तर में “Pending” नहीं तो कुछ नहीं( “” ) दिखाया जाय।


चित्र संख्या 17

आप चित्र संख्या 17 में देख सकते है कि सेल अड्रेस H3 में फंक्शन को लगाया गया है। इसी प्रकार सभी का उत्तर प्राप्ति के लिए सभी सेलों में फंक्शन लगाना होगा। जिसे आप इसी फंक्शन को कॉपी कर पेस्ट भी कर सकते है।




चित्र संख्या 18

हमें सभी सेल में फंक्शन को पेस्ट कर दिया तो सभी लोन धारक का हिसाब स्टेटस का पता चल गया की कितने लोगों का हिसाब अभी PENDING में है। जिसे चित्र संख्या 18 में दिखया गया है। इसी प्रकार आप IF function in Excel का आप जरूरत के हिसाब से बहुत ही आसानी से प्रयोग करने में सछम रहेंगे। और Nested if function in excel को दूसरे लेख में बताया गया है। जिसमें आप मल्टिपल इफ फंक्शन का प्रयोग करना सीख सकते है।


निष्कर्ष

इस लेख में IF function in Excel के सभी तरीकों से उपयोग के बारे में बिस्तर पूर्वक बताया गया हमें लगता है कि आपको IF function in Excel के यूज़ करने के तरीकों के बारे में काभी अच्छी जानकारी मिली होगी। अगर कुछ आपसे या हमसे समझने या बताने में मिस्टेक हुई हो तो कमेंट कर जरूर सूचित करें आपके सूचित करने से सभी को सरलता और एक सुन्दर लेख में आपका सपोर्ट काफी माइने रखता है।( धन्यवाद ).

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रविवार, 12 मार्च 2023

कंप्यूटर के अंगो के नाम / Parts of Computer in Hindi

 

Parts of Computer in Hindi | कंप्यूटर के अंगो के नाम 

लेखक  -------  गीता शर्मा

कंप्यूटर का नाम तो आप में से अधिकतर लोगो ने सुना होगा और बहुत से लोगो के पास आज के समय में अपना एक कंप्यूटर भी होगा, हमें कई बार यह उत्सुकता होती है की हम जाने कंप्यूटर के अंगो के नाम, computer ke hardware parts, parts of computer in hindi में जानकारी|

computer ke kitne parts hote hain कंप्यूटर के अन्दर क्या क्या होता है कंप्यूटर के पार्ट्स का उपयोग, इनकी चर्चा करना आज हमारा विषय है|

कंप्यूटर के कुछ main parts होते हैं कुछ main parts जैसे कंप्यूटर केस,मॉनिटर, कीबोर्ड, माउस और पॉवर कार्ड, यह all parts बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं जब आप कंप्यूटर का उपयोग करते हैं इसी लिए हमें computer parts ke naam की जानकारी होना आवश्यक हो जाता है|

एक एक कर हम आज computer ke all parts की चर्चा करेंगे|

आइए computer ke main parts के बारे में बात करते हैं|

Table of Contents

·         Computer ke main parts (part of computer in hindi)

·         कंप्यूटर केस (Computer Case)

·         मॉनिटर (Monitor)

·         कीबोर्ड (Keyboard)

·         माउस (Mouse)

·         Front of Computer Case

·         Back of Computer Case

·         Other Ports

·         Computer ke parts ke name (peripherals)

·         प्रिंटर (Printer)

·         स्कैनर (Scanner)

·         स्पीकर (Speaker)

·         माइक्रोफोन (Microphone)

·         वेब कैम (Web Cam)

·         गेम कंट्रोलर (Game Controller)

·         ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव (Optical Disk Drive)

·         डिजिटल कैमरा (Digital Camera)

·         Mobile phone, Tablet और अन्य Devices

·         Inside parts of computer in hindi

·         Computer ke parts name (internal parts of computer in hindi)

·         मदरबोर्ड (Motherboard)

·         प्रोसेसर (CPU/Processor)

·         रैम (RAM)

·         हार्ड डिस्क (Hard Disk)

·         पी.एस.यू. PSU (Power Supply Unit)

·         एक्सपेंशन कार्ड (Expansion Card)

·         विडियो कार्ड (Video Card)

·         साउंड कार्ड (Sound Card)

·         नेटवर्क कार्ड (Network Card)

·         ब्लूटूथ (Bluetooth)

·         निष्कर्ष

Computer ke main parts (part of computer in hindi)

कंप्यूटर केस (Computer Case)

कंप्यूटर केस मेटल और प्लास्टिक का एक box होता है जो कंप्यूटर के प्रमुख पार्ट्स को रखता है कंप्यूटर केस के अंदर कुछ पार्ट्स होते हैं जिनका नाम है – Motherboard, Central Processing Unit (CPU), RAM, HDD और power supply.

Computer case के सामने की और आपको On/Off बटन और ऑप्टिकल ड्राइव स्लॉट होते हैं|

कंप्यूटर के केस अलग अलग प्रकार के shape और size में आते हैं, desktop case को आप किसी भी समतल डेस्क पर मॉनिटर के साथ रखकर उपयोग कर सकते हैं|

मॉनिटर (Monitor)



 

मॉनिटर विडियो कार्ड के साथ कार्य करते हैं मॉनिटर का उपयोग कर आप image और text को मॉनिटर स्क्रीन पर देख सकते हैं, अधिकतर मॉनिटर में आपको control button मिलता है जिनका उपयोग कर आप मॉनिटर को डिस्प्ले सेटिंग को बदल सकते हैं , कुछ मॉनिटर में आपको स्पीकर की भी सुविधा मिलती है|

नए मॉनिटर में आपको LCD (liquid crystal display) या LED (light emitting diode)  डिस्प्ले मिलता है, यह मॉनिटर बहुत ही पतले होते हैं और इन्हें फ्लैट पैनल डिस्प्ले भी कहते हैं|

पुराने मॉनिटर में आपको CRT (cathode ray tube) डिस्प्ले देखने को मिलती थी, crt monitor बहुत बड़े और भारी होते थे और lcd की तुलना में बहुत अधिक स्थान घेरते थे|

कीबोर्ड (Keyboard)



 

Computer keyboard कंप्यूटर से communicate करने के लिए एक मुख्य डिवाइस है कीबोर्ड बहुत प्रकार के होते हैं किन्तु इनका कार्य एक ही होता है वह है यूजर को कंप्यूटर से communicate करने की सुविधा प्रदान करना|

कीबोर्ड का उपयोग कर आप कंप्यूटर पर typing कर सकते हैं एवं कुछ shortcut keys का उपयोग कर specific task कर सकते हैं जैसे की my computer open करना, डॉक्यूमेंट से जुड़े कार्य, कोड लिखना, प्रोग्राम ओपन करना स्टार्ट मेनू open करने जैसे कई कार्य computer keyboard की सहायता से किए जाते हैं|

कंप्यूटर कीबोर्ड से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए आप what is computer keyboard in hindi लेख पढ़ सकते हैं|

माउस (Mouse)



 

माउस यूजर और कंप्यूटर के बीच communication का एक प्रमुख माध्यम है इसे पोइंटिंग डिवाइस भी कहते हैं यह आपको screen में दिख रहे object को point करने की सुविधा प्रदान करता है जिसे आप click कर सकते हैं और move भी कर सकते हैं|

माउस दो प्रकार के होते हैं, ऑप्टिकल माउस (optical mouse) और मैकेनिकल माउस (mechanical mouse).

ऑप्टिकल माउस LED Light कर उपयोग करती है पॉइंटर को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाने के लिए , जबकि mechanical mouse में rolling ball का उपयोग किया जाता है जो movement को डिटेक्ट करती है |

कंप्यूटर माउस क्या होता है? इस लेख में हमने माउस को विस्तार से समझाया है ज्यादा जानकारी के लिए इस लेख पर जाएँ.

यदि आप अपने computer case के आगे और पीछे के हिस्से को देखेंगे तो आपको बहुत से ports, button और slots देखने को मिलते हैं, विभिन्न कंप्यूटर पर यह पोर्ट्स, बटन और स्लॉट की संख्या भिन्न भिन्न होती है|

आइये अब हम कंप्यूटर के फ्रंट और बेक केस में क्या होता है उनकी चर्चा करते हैं |

सभी parts of computer in hindi जो होते हैं वह एक दुसरे से भिन्न होते हैं बटन पोर्ट्स और स्लॉट एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर पर जाने पर आपको भिन्न भिन्न दिखाई देते हैं किन्तु कुछ ऐसे पार्ट्स हैं जो आपको सभी कंप्यूटर पर दिखाई देते हैं |

इन सभी computer parts की जानकारी से आपको यह जानने में आसानी होती है कि इन computer parts का कंप्यूटर में क्या उपयोग है और उन्हें एक दुसरे से कैसे जोड़े.

उदाहरण के लिए प्रिंटर, कीबोर्ड, माउस.

Back of Computer Case

 

कंप्यूटर के पीछे के भाग को Back Panel कहा जाता है , बैक पैनल में आपको कनेक्शन के पोर्ट्स दिखाई देते हैं जो कुछ specific devices (विशेष डिवाइस) के लिए बनाई गयी है |

इनके स्थान कंप्यूटर पर भिन्न भिन्न हो सकते हैं बहुत से कंपनियों के अपने कुछ special connector होते हैं , कुछ पोर्ट का colour code भी होता है जिससे यह जानने में आसानी होती है कि उनका उपयोग कब और किन स्थितियों में किया जाएगा |

Other Ports

कुछ अन्य पोर्ट्स जैसे firewire, thunderbolt एंड HDMI होते हैं जिनका उपयोग भिन्न भिन्न स्थितियों में किया जाता है |

बेसिक कंप्यूटर सेटअप में आपको कंप्यूटर केस (computer case), मॉनिटर (monitor), कीबोर्ड (keyboard), और माउस (mouse) देखने को मिलता है किन्तु आप बहुत से भिन्न भिन्न प्रकार के डिवाइस को पोर्ट्स की सहायता से अपने कंप्यूटर से जोड़ सकते हैं जिन्हें peripherals कहा जाता है|

आइए जाने कुछ peripherals के बारे में.

Computer ke parts ke name (peripherals)

प्रिंटर (Printer)

प्रिंटर का उपयोग किसी भी फोटो, डॉक्यूमेंट एवं अन्य, जो आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर दिखाई देते हैं उन्हें पेपर पर छापने के लिए उपयोग किया जाता है|

प्रिंटर के बहुत से प्रकार होते हैं जैसे inkjet, laser और photo printer. अब all in one प्रिंटर भी आने लगे हैं जिनका उपयोग आप डॉक्यूमेंट को scan और copy करने के लिए भी कर सकते हैं|

स्कैनर (Scanner)

स्कैनर किसी भी physical image या document की copy बना कर कंप्यूटर पर डिजिटल रूप में सेव करने की सुविधा प्रदान करता है |

बहुत से स्कैनर all in one printer का पार्ट होते हैं किन्तु आप इन्हें अलग से भी खरीद सकते हैं |

स्पीकर (Speaker)

स्पीकर एक output device होता है जो आपको sound और music सुनने में सहायता करता है, यदि कंप्यूटर से किसी भी प्रकार का sound output आपको चाहिए तो आपको हैडफ़ोन या माइक्रोफोन का उपयोग करना होगा|

आपके स्पीकर के मॉडल के आधार पर आप इसे usb port या audio port से जोड़ सकते हैं|

माइक्रोफोन (Microphone)



माइक्रोफोन एक input device है जो यूजर के द्वारा दिए गए जानकारी को कंप्यूटर तक पहुचाता है आप माइक्रोफोन का उपयोग कर अपनी आवाज रिकॉर्ड कर सकते हैं या इन्टरनेट के माध्यम से कंप्यूटर पर किसी से बात कर सकते हैं|

बहुत से computer और laptop पर माइक्रोफोन in built होते हैं|

वेब कैम (Web Cam)

 


web cam या webcam एक इनपुट डिवाइस है जो आपको कंप्यूटर पर विडियो रिकॉर्ड करने व फोटो लेने की सुविधा प्रदान करता है इसका उपयोग आप विडियो कॉल करने के लिए भी कर सकते हैं|

बहुत से webcam, माइक्रोफोन के साथ आते हैं|

गेम कंट्रोलर (Game Controller)



Game controller या joystick कंप्यूटर पर गेम खेलने के लिए उपयोग किये जाते हैं, market में बहुत से प्रकार के controller उपलब्ध हैं आप गेम खेलने के लिए कीबोर्ड और माउस का भी उपयोग कर सकते हैं|

ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव (Optical Disk Drive)

ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव कंप्यूटर के फ्रंट में होती है, ऑप्टिकल ड्राइव का उपयोग कर आप cd/dvd द्वारा विंडोज इनस्टॉल करना, सॉफ्टवेयर इंस्टाल, विडियो, ऑडियो,मूवीज देखना आदि कार्य कर सकते हैं|

आप blank cd/dvd का उपयोग कर अपने कंप्यूटर के software, movies, video, audio को ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव की सहायता से cd/dvd में स्थापित (write) भी कर सकते हैं|

डिजिटल कैमरा (Digital Camera)



डिजिटल कैमरा आपको फोटो और विडियो लेने की सुविधा प्रदान करता है जिन्हें आप digital format में ले सकते हैं इस कैमरे को आपको अपने कंप्यूटर से जोड़ना होता है जिन्हें आप usb port के द्वारा जोड़ सकते हैं|

Mobile phone, Tablet और अन्य Devices

यदि आपके पास कोई मोबाइल टेबलेट या अन्य डिवाइस है जो usb port के साथ आता है तो आप उनका उपयोग अपने कंप्यूटर पर कर सकते हैं|

Inside parts of computer in hindi

क्या आपने कभी अपने कंप्यूटर के अंदर देखा है या देखने की कोशिश की है कि computer case के अन्दर आपको क्या मिलता है, आपको बहुत से छोटे छोटे कंप्यूटर पार्ट्स आपके कंप्यूटर पर देखने को मिलती है|

आइये देखें inside parts of computer in hindi.

Computer ke parts name (internal parts of computer in hindi)

cpu parts name and pictures

मदरबोर्ड (Motherboard)

 


Motherboard कंप्यूटर का main circuit board होता है, यह एक इलेक्ट्रॉनिक की thin plate होती है जो cpu, memory, को आपस में जोडती है, हार्डडिस्क और ऑप्टिकल ड्राइव जोड़ने के लिए इनमे connectors होते हैं एक्सपेंशन कार्ड motherboard पर होते हैं जिससे कि audio और video को control किया जा सके.

बेक panel पोर्ट्स भी connector की सहायता से motherboard से जुड़े होते हैं, प्रत्यक्ष (directly) या अप्रत्यक्ष (indirectly)  मदरबोर्ड, कंप्यूटर के सभी पार्ट्स से जुड़े (connect) रहते हैं|

प्रोसेसर (CPU/Processor)

 


CPU जिसे Processor भी कहा जाता है वह कंप्यूटर के अन्दर पाया जाता है जो कि मदरबोर्ड से जुड़ा होता है.

बहुत से लोग प्रोसेसर को brain of the computer भी कहते हैं|

प्रोसेसर का काम कंप्यूटर पर आपके द्वारा दिए गए command को पूरा करना होता है, जब भी आप कोई key press करते हैं या माउस से click करते हैं या कोई software को ओपन करते हैं तो आप cpu को एक instruction signal भेजते हैं|

सी.पी.यू 2 इंच का एक ceramic box होता है जिसमे सिलिकॉन की चिप लगी होती है जो उसके अन्दर होती है|

CPU Motherboard के CPU Socket में लगाया जाता है जो एक heatsink से cover किया जाता है जो cpu से उसकी गर्मी बाहर निकालता है|

प्रोसेसर की speed को megahertz या gigahertz से दर्शाया जाता है, एक fast processor आपके द्वारा दिए गए निर्देशों का तेजी से पालन कर सकता है|

कंप्यूटर की speed उसके सभी components पर निर्भर करता है न की केवल processor पर निर्भर करता है |

रैम (RAM)

 


Random Acess Memory आपके कंप्यूटर की short term memory होती है जब भी आपका कंप्यूटर कोई कैलकुलेशन परफॉर्म करता है तो data टेम्पररी तौर पर RAM में Store होती है जब तक उनकी आवश्यकता होती है या जब तक कि कंप्यूटर को shutdown या restart न किया जाए.

यदि आप किसी डॉक्यूमेंट, एक्सेल शीट और किसी अन्य फाइल पर कार्य कर रहे हैं तो आपको इन्हें save करना आवश्यक है जब आप अपनी फाइल सेव करते हैं तो आपका data कंप्यूटर के हार्ड डिस्क में store हो जाता है जो की एक long term memory होती है|

RAM को megabytes (MB) या gigabytes (GB) से मापा जाता है जितनी अधिक RAM आपके कंप्यूटर पर होगी उनते ही अधिक कार्य एक समय में आप अपने कंप्यूटर पर कर सकेंगे|

यदि आपको कंप्यूटर पर पर्याप्त RAM नहीं होती है तो आपको आपके कंप्यूटर पर lag दिखाई देगा, कंप्यूटर प्रोग्राम ठीक से कार्य नहीं करेंगे जब आप एक समय पर एक से अधिक software को open करने की कोशिश करेंगे|

बहुत से लोग कंप्यूटर की performance को बढ़ाने के लिए अधिक RAM का उपयोग करते हैं|

हार्ड डिस्क (Hard Disk)

 


हार्ड डिस्क long term memory है इसे secondary storage device भी कहा जाता है, हार्ड डिस्क software, files, documents, photo, video आदि store करने के लिए उपयोग किया जाता है |

इसमें कंप्यूटर के बंद (off/shutdown) होने के बाद भी आपके कंप्यूटर पर data (save) सुरक्षित रहता है|

जब आप किसी प्रोग्राम को run करते हैं या किसी file को ओपन करते हैं तो कंप्यूटर कुछ data हार्ड डिस्क से रैम में store कर देता है और जब आप फाइल को save करते हैं तो data फिर से hard disk में copy कर दिया जाता है|

आपकी हार्ड डिस्क जितना अधिक fast होगा आपके कंप्यूटर का startup और program की loading भी उतनी अधिक तेजी से होगा|

एस.ऍम.पी.एस S.M.P.S. (switched-mode power supply )



 

Power Supply Unit AC Power को DC Power में convert करता है जो कंप्यूटर को पॉवर देने के लिए उपयोग में लाया जाता है, यह केबल के द्वारा motherboard और दुसरे components को पॉवर supply करता है|

एक्सपेंशन कार्ड (Expansion Card)

ज्यादातर कंप्यूटर Motherboard में एक्सपेंशन स्लॉट पाए जाते हैं जिनका उपयोग बहुत प्रकार के एक्सपेंशन कार्ड के लिए उपयोग किया जा सकता है|

इन्हें PCI कार्ड भी कहा जाता है (peripheral component interconnection)

हो सकता है आपको कभी पीसीआई कार्ड का उपयोग ही न करना पड़े, कारण यह है कि ज्यादातर motherboard में built in video, sound, network और अन्य सुविधाए प्रदान कर दी जाती हैं|

यदि आप अपने कंप्यूटर की परफॉरमेंस को बढ़ाना चाहते हैं तो आप आपने कंप्यूटर में एक दो कार्ड्स लगा सकते हैं |

आइये कुछ एक्सपेंशन कार्ड की चर्चा करते हैं|

विडियो कार्ड (Video Card)



विडियो कार्ड के कारण ही आप मोनिटर (monitor) पर दृश्य देख सकते हैं बहुत से कंप्यूटर पर GPU (graphics processing unit) built in होता है|

यदि आपको high graphic गेम खेलने हैं तो आप एक fast विडियो कार्ड या graphic card लगा सकते हैं जिससे आपके कंप्यूटर की graphic performance बढ़ जाती है |

साउंड कार्ड (Sound Card)

 




साउंड कार्ड जिसे audio card भी कहा जाता है यह आपके कंप्यूटर पर साउंड प्रदान करने का कार्य करता है आप साउंड कार्ड के माध्यम से ही स्पीकर या हैडफ़ोन पर गाने सुनते हैं|

ज्यादातर motherboard में साउंड कार्ड in built आते हैं किन्तु आप बेहतर साउंड क्वालिटी के लिए साउंड कार्ड खरीद कर अपने कंप्यूटर के एक्सपेंशन स्लॉट पर लगा सकते हैं|

नेटवर्क कार्ड (Network Card)

 


नेटवर्क कार्ड आपको अपने कंप्यूटर पर इन्टरनेट acess करने की सुविधा प्रदान करता है|

नेटवर्क कार्ड की सहायता से आप networking कर, एक कंप्यूटर को नेटवर्क से जोड़ सकते हैं और इन्टरनेट भी acess कर सकते हैं|

नेटवर्क कार्ड को आप ethernet cable या wireless के माध्यम से जोड़ सकते हैं, ज्यादातर motherboard में built in network chip होते हैं आप चाहें तो अलग से भी नेटवर्क कार्ड अपने कंप्यूटर पर एक्सपेंशन कार्ड के माध्यम से इनस्टॉल कर सकते हैं|

ब्लूटूथ (Bluetooth)

 


ब्लूटूथ एक wireless technology का हिस्सा है जो छोटी दुरी पर communicate करने के लिए बनाया गया है|

ब्लूटूथ का उपयोग ज्यादातर wireless keyboard, mouse और printer जैसे devices को जोड़ने के लिए किया जाता है|

ब्लूटूथ motherboard में in built होते हैं या wireless नेटवर्क कार्ड के साथ आते हैं|

यदि आपके कंप्यूटर पर bluetooth नहीं है तो आप bluetooth usb adapter खरीद भी सकते हैं|

कंप्यूटर का इतिहास | history of computer in hindi

निष्कर्ष

जैसा कि हमने parts of computer in hindi में जाना कि computer के बहुत से parts होते हैं जिनमें keyboard, mouse, computer case, RAM, HDD और PSU शामिल है|

Computer Parts in hindi में हमें यह भी जाना कि कंप्यूटर के बाहर और अन्दर भी ऐसे बहुत से पार्ट्स होते हैं जिनकी जानकारी होना हमें बहुत आवश्यक है|

internal parts of computer in hindi में हमने उन सभी parts के बारें में चर्चा की, साथ ही साथ हमने मदरबोर्ड पर जुड़ने वाले पार्ट्स के बारे में जाना, components of computer in hindi की चर्चा की जिनमे हमने printer, scanner, speaker, camera आदि की चर्चा की|

एक कंप्यूटर केस बहुत से special parts से मिलकर बना होता है सभी अपना योगदान कंप्यूटर को बेहतर बनाने में देते हैं, हर पार्ट्स का अपना एक विशेष कार्य होता है जिन्हें वह कंप्यूटर पार्ट्स perform करते हैं|

आप हमें बताए हमारे द्वारा दी गई (basic parts of computer in hindi) computer ke parts ke baare mein jankari आपको कैसी लगी|

 


ऑनलाइन टेस्ट के नियम और शर्ते

👉जरुरी दिशा निर्देश शर्मा कंप्यूटर👈 1. छात्रों को ऑनलाइन टेस्ट के लिए अपने पंजीकृत ईमेल आईडी के साथ उनके पासवर्ड को प्रवेश करना होगा। 2....